Wednesday, December 14, 2016

मुंडेरवां में किसान शहीद मेला 11 दिसंबर 2016

उत्तर प्रदेश के बस्ती ज़िले के पास मुंडेरवां में हर वर्ष शहीद किसानों की याद में मेला लगता है। यह मेला इस याद को ताज़ा रखता है कि देश के किसान को अभी तक न्याय नहीं मिला है। वर्ष 2002 में बस्ती मंडल के किसानों ने भारतीय किसान यूनियन (अराजनीतिक )के नेता दीवानचंद जी के नेतृत्व में गन्ने के मूल्य को हासिल करने का आंदोलन छेड़ा था।  इस संघर्ष में पुलिस की गोली से तीन किसान शहीद हो गए थे।
 
किसानों को संबोधित करते किसान नेता चौधरी दीवानचंद  

इस वर्ष भी इस मेले में हज़ारों किसान शामिल हुये। पूर्वी उत्तर प्रदेश के बस्ती, गोरखपुर, देवीपाटन, फैज़ाबाद, वाराणसी, आजमगढ़ मंडल के अध्यक्षों ने अपनी बात रखी और तमाम ज़िलों और तहसीलों के पदाधिकारियों ने भी अपनी बात रखी। नोटबंदी, धान का मूल्य और क्रय केंद्र, गन्ने के मूल्य का भुगतान , चीनी मिल चलवाने  आदि मुद्दे चर्चा में रहे। 
शहीद किसानों की याद में जुटे हज़ारों किसान 

इसी अवसर पर दिलीप कुमार दिली की पहल पर भारतीय किसान  यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीवानचंद चौधरी की अध्यक्षता में एक ज्ञान-पंचायत का आयोजन हुआ।  इसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई ज़िलों के अध्यक्ष शामिल रहे।  प्रमुख चर्चा इस बात पर रही कि किसान के घर में पक्की आय यही किसान के दर्द को मिटाने का एकमात्र तरीका है। पक्की आय होगी तो बिजली, क़र्ज़ , मूल्य, खाद, बीज, पानी, प्राकृतिक आपदा, सभी के संकट से निपटने के लिए हर बार किसान को संवेदनहीन सरकारों की ओर ताकने की मज़बूरी नहीं होगी।  पक्की आय तय करने का स्वतंत्र भारत में सर्वमान्य एक ही तरीका है -- राष्ट्रीय वेतन आयोग द्वारा निर्धारित सरकारी कर्मचारियों की आय।  यही आय हर किसान परिवार को चाहिए।  इस मांग का आधार सच्चा, तर्कसंगत और व्यापक है।  इसके लिए भारतीय किसान यूनियन लोकविद्या के बल पर काम करने वाले सभी समुदायों और उनके संगठनों को साथ आने का आवाहन करता है।  वे सभी ऐसी ही पक्की व नियमित आय का हक़ रखते हैं। 

यह भी सोचा गया कि हर ज़िले में ज्ञान-पंचायतें बननी चाहिये और लोकविद्या समाज के हर परिवार के लिए सरकारी कर्मचारी जैसी पक्की और नियमित आय की मांग बुलंद की जानी चाहिए। दिलीप कुमार दिली और लक्ष्मण प्रसाद ने वाराणसी मंडल के ज़िलों से यह शुरुआत कर दी है।  

मुंडेरवां में बनी ज्ञान-पंचायत की प्रतीक मड़ई के सामने किसान नेता चौधरी दीवानचंद, 
सुरेश यादव, प्रदेश सचिव ,  लक्ष्मण प्रसाद, वाराणसी ज़िला अध्यक्ष  

15 सूत्री मांगपत्र पर सहमति का फैसला देते किसान 


लोकविद्या जन आंदोलन, विद्या आश्रम, वाराणसी 

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